जिले के किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी: विष्णु शुगर मिल के विशेषज्ञों द्वारा गन्ने के रोग से बचाव के उपाय-

जिले के किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी:विष्णु शुगर मिल के विशेषज्ञों द्वारा गन्ने के रोग से बचाव के उपाय
जिले के किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी:विष्णु शुगर मिल के विशेषज्ञों द्वारा गन्ने के रोग से बचाव के उपाय

गंडक नदी के किनारे बस्ती गोपालगंज जिले के दयोरा क्षेत्रों में नकदी फसल गन्ने की खेती से किसानों को बेहतर फायदा कैसे मिले, इसके लिए विष्णु शुगर मिल के गन्ने विकास विभाग ने किसानों को सुझाव दिया है। गन्ने में लाल सड़न रोग जिस तरह से गन्ने की फसल को भारी नुकसान पहुंचा रही है, उसे देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों एवं रगन्ने विकास विभाग ने बहुत अध्ययन करने के बाद किसानों को भविष्य में गन्ने की खेती में इस बीमारी से बचने का उपाय दिया है।

दूसरी तरफ गन्ने किस्मों का बढ़ता संतुलन, गन्ने की खेती में बढ़ता लागत मूल्य, मिट्टी की उर्वरता, कीट-रोग की दिक्क्त आदि गन्ने किसानों के सामने प्रमुख समस्याएं हैं। उसको कैसे निदान किया जाए, इस पर मिल प्रबंधन ने गन्ने की औसत उपज बढ़े और किसानों को गन्ने की खेती से ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। इसको लेकर मिल के महाप्रबंधक PRS Panikar ने गन्ने की औसत उपज बढ़ाए जाने और गन्ने किस्मों के संतुलन के लिए विकास कार्यक्रमों को लागू करने को लेकर अपने गन्ने विभाग के अधिकारियों व किसानों के साथ बैठक की। इसमें किसानों और गन्ने से जुड़े लोगों को सुझाव दिया कि जिससे गन्ने की खेती से बेहतर लाभ लिया जा सके। गन्ना की किस्मों को किया गया है बंद गन्ना किसानों को इस समय सबसे बड़ी परेशानी गन्ने का लाल सड़न रोग है।

इससे छुटकारा पाने के लिए गन्ने की कुछ किस्मों को बैन किया गया है। 11015, को पी बी 95 जिन्हें बैन किया गया है। इन किस्मों को बुआई नहीं करने का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही उन्नत तरीके से गन्ने की खेती करने पर बल दिया गया। मिल प्रबंधन की ओर से किसानों को अच्छे किस्म के बीज अनुदानित दर पर दिया है। जिसकी उपज भी बेहतर होने की बात बताई गई

सिंगल बड चिप से लागत कम उन्होंने बताया कि गन्ने की खेती में लागत कम करने के लिए गन्ने के सिंगल बड से तैयार पौधे से गन्ने की बुआई करने के लिए सुझाव दिया गया। ज्यादातर किसान तीन आंख या दो आंख वाले गन्ने का बीज बोते हैं। इस तकनीक से एक एकड़ खेत के लिए 25 से 30 क्विंटल गन्ने के बीज की आवश्यकता होती है। जबकि बड चिप विधि में एक एकड़ खेत में 80 से 100 किलोग्राम गन्ने के बीज की जरूरत होती है। बड चिप तकनीक से गन्ने की खेती करते हैं। जिससे गन्ने की देर से बुआई की समस्या भी दूर होगी एवं लागत भी बचेगी।

गन्ने के साथ करें सहफसली खेती पाणिकर ने बताया कि दरअसल गन्ने में देर से गन्ने का सही मूल्य मिलने से आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए इंटरक्रॉपिंग फसलों की खेती किसानों के लिए मददगार साबित होगा। इससे प्रति एकड़ आय में बढ़ोतरी होती है। किसान गन्ने के साथ एक और सहफसली खेती कर सकते हैं, जिससे गन्ने तैयार होने में लगने वाले समय के बीच अच्छी आय होगी। वही गन्ने में इंटरक्रॉपिंग फसलों की खेती किसानों को देर से गन्ने मूल्य मिलने से आने वाली समस्याओं को दूर करने में मददगार होगी।

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