Wheat Irrigation: गेहूं की फसल में पहली सिंचाई कैसे और कब करें,

Wheat Irrigation भारतीय कृषि संबंधी एक उपयुक्त प्रश्न। गेंहू, चावल के बाद एक प्रमुख खाद्यान्न है। जिसका प्रयोग भारत में आमतौर पर किया जाता है इसलिए इसकी खेती भारत में अधिकतर भागों में की जाती है। आपने एक अच्छा प्रश्न पूछा है जो है –

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Wheat Irrigation गेहूं की सिंचाई कितने बार किया जाता है?

गेहूं एक रबी की फसल है, जो दीपावली के समय की जाती है। यह समय मानसूनी समय नहीं होने के कारण पूरी तरह से सिंचाई पर निर्भर करती है। इसलिए गेहूं की कृषि में सिंचाई का उपयुक्त स्थान है। सही समय पर गेहूं की सिंचाई नहीं किए जाने पर किसान को उपयुक्त फसल प्राप्त नहीं होती है। इसलिए गेहूं की सिंचाई के लिए उपयुक्त समय ध्यान में रखकर सिंचाई कर देनी चाहिए, जिससे उसे उपयुक्त उपज प्राप्त हो।

Wheat Irrigation कैसे करें सिंचाई –

गेंहू की कृषि करने के लिए अक्टूबर महीने में खेत को पूरी तरह से साफ करके में पानी दे। पानी देने के बाद उसमें गेहूं की बुवाई करें, गेहूं की बुवाई के 4 दिन बाद गेंहू उग आता है। इसलिए हो सके तो गेहूं की बुवाई करते ही तुरंत उसी दिन या उसके अगले दिन आप हल्का सा पानी दे सकते हैं। अगर धूप अधिक है और जमीन सूख रही है तो। लेकिन ध्यान रखें गेहूं उग आया है तो पानी ना दे। गेहूं के उगने के बाद एक महीना तक सिंचाई ना करें। जब गेहूं हल्के पीले रंग का हो जाता है उस समय सिंचाई उपयुक्त रहती है। जो धूप पर निर्भर करती है अगर अधिक धूप है एवं गेहूं की फसल सूखने लगता है तो 25 दिन में सिंचाई करें अथवा 1 महीने के बाद सिंचाई करनी चाहिए। ध्यान रखें गेहूं के 25 से 30 दिन के भीतर प्रथम सिंचाई हो जाती है उसके बाद दूसरी सिंचाई और अग्नि से चाहिए अगली इस प्रकार की जा सकती है अगली सिंचाई इस प्रकार की जा सकती है। अतः गेहूं उगने के बाद सिंचाई इस प्रकार से की जाती है।

Wheat Irrigation सिंचाई का समय-

Wheat Irrigation गेंहू के लिए फव्वारा ⛲ पद्धति उपयुक्त है जिससे पानी और समय की बचत होती है और जरूरत के हिसाब से इस प्रकार से सिंचाई करें।[1] गेंहू की फसल के लिए 4 से 5 सिंचाई देने की जरुरत है

Wheat Irrigation पहली सिंचाई गेंहू उगने के 25 से 30 दिनों के अंदर कर देनी चाहिए
दूसरी सिंचाई प्रथम सिंचाई के 7-10 दिनों के भीतर करे। इस समय गेंहू के पौधे से कई बुटी निकल आती हैं।
तीसरी सिंचाई दूसरी के 10 दिन बाद कर। इस समय गेंहू में पूरी तरह से बाली (कल्ले) निकलने लगती है। जिससे दाना बनता है।
अब आवश्यकता के अनुसार दो बार सात-सात दिन के अन्तराल से पानी देते रहे, जमीन सूखने ना दे। इस समय जमीन सूखने से दाने छोटा और कम वजन का हो सकता है।
Wheat Irrigation पांचवी के बाद छठी सिंचाई उस समय करनी होती है, जब गेंहू के पकने की अवधी अधिक होती है, जो बीज की किस्म पर निर्भर करती है
सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप किसान कॉल सेंटर पर टोल फ्री कॉल करके जानकारी भी लें सकते हैं, जो आपके क्षेत्र के अनुसार आपको उपयुक्त जानकारी देते है, जिससे बुआई एवं सिंचाई उपयुक्त समय में की जा सकती है साथ ही रोग निदान एवं उर्वरक की भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके लिये किसान कॉल सेंटर की हेल्पलाइन 1800-180–1551(टोल फ्री) कॉल करे।

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